मैंने आज गुनगुनाया ..
Sunday, 5 December 2010
:(
बन के जोगनिया आई थी तेरे द्वार,
ओ मोरे सैयां,मोरे सरकार..
कैसी लागी दिल की ये,कैसा है ये दाग..
ऐसी धूनी अतीत की,जब देखूं तब आग..
मैं तो जोगनिया..तेरी जोगनिया मोरे सरकार...
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