Saturday, 7 March 2009

दुःख और सुख थे दोनों एक से
अधरों को कटु मधु समान था
तम प्रकाश थे एक एक से
स्वप्न जागरण भी समान था
सहसा एक सितारा बोला
यह न रहेगा बहुत दिनों तक

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