Monday, 20 April 2009

इंतज़ार

इंतज़ार...कोई इन्तेहा नही इसकी...
पल भर का हो..या हो उम्र भर का...

2 comments:

  1. Bahut khoob.. bahut khoob..

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  2. पंकज मलिक के स्वर इसे जादुई बना देते हैं ... गूँज और आवाज़ दोनों एक दूसरे से लिपटने लगती हैं ... स्शाब्दों ने स्वरों की ओर धकेल दिया है ... आभार

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