Bahut khoob.. bahut khoob..
पंकज मलिक के स्वर इसे जादुई बना देते हैं ... गूँज और आवाज़ दोनों एक दूसरे से लिपटने लगती हैं ... स्शाब्दों ने स्वरों की ओर धकेल दिया है ... आभार
Bahut khoob.. bahut khoob..
ReplyDeleteपंकज मलिक के स्वर इसे जादुई बना देते हैं ... गूँज और आवाज़ दोनों एक दूसरे से लिपटने लगती हैं ... स्शाब्दों ने स्वरों की ओर धकेल दिया है ... आभार
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