Thursday, 18 November 2010

समवन समेव्हेर

मेरी ज़िन्दगी किसी और की,तेरे नाम का कोई और है.
सरे-आइना मेरा अक्स है,पसे-आइना कोई और है....

मेरी धडकनों में है चाप-सी,ये जुदाई भी है मिलाप सी...
मुझे क्या पता,मेरे दिल बता,मेरे साथ क्या कोई और है....

न गए दिनों को खबर मेरी,न शरीके-हाल नज़र तेरी...
तेरे देस में,मेरे भेस में,कोई और था-कोई और है...

वो मेरी तरफ निगरान रहे,मेरा ध्यान जाने कहाँ रहे...
मेरी आँख में कई सूरतें,तुझे देखता कोई और है....

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